स्वस्थ गला, स्वस्थ जीवन: टॉन्सिलाइटिस के लिए योग और घरेलू उपाय
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स्वस्थ गला, स्वस्थ जीवन: टॉन्सिलाइटिस के लिए योग और घरेलू उपाय

[ टॉन्सिलाइटिस: समाधान ]

  • हम एक बहुत ही सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या टॉन्सिलाइटिस (टॉन्सिल) के बारे में चर्चा करेंगे। हम जानेंगे कि टॉन्सिल क्या है, इसके बिगड़ने से कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं, इसके लक्षण क्या हैं और इससे राहत पाने के लिए कौन से योगासन और प्राणायाम मददगार साबित होते हैं।
  • यदि आप ठंड के मौसम में गले की खराश, सूजन और बुखार से परेशान रहते हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए बहुत फायदेमंद होने वाला है। आइए शुरुआत करते हैं।

 

टॉन्सिलाइटिस क्या है?

  • हमारे गले के पीछे, जीभ के दोनों किनारों पर दो संवेदनशील लसीका ग्रंथियां होती हैं, जिन्हें टॉन्सिल कहा जाता है। ये ग्रंथियां हमारे शरीर की इम्यूनिटी यानी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाती हैं। टॉन्सिल का मुख्य काम मुंह और नाक के जरिए आने वाले बैक्टीरिया और वायरस को रोकना होता है।
  • हालांकि, जब आपको टॉन्सिल संक्रमित बहुत हो जाते हैं या सूज जाते हैं, तो इसे टॉन्सिलाइटिस ही कहा जाता है।

 

टॉन्सिलाइटिस के कारण

टॉन्सिलाइटिस के होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:

1. ठंड लगना – सर्दियों में गर्म कपड़े न पहनने की वजह से गले में सूजन हो सकती है।

2. ठंडी चीजों का सेवन – बिना मौसम के ठंडा पानी, आइसक्रीम या अन्य ठंडी चीजें खाने से।

3. खानपान में गड़बड़ी – अनियमित खानपान और हाइजीन का ध्यान न रखना।

4. वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण – गले में बैक्टीरिया या वायरस का अटैक।

 

टॉन्सिलाइटिस के लक्षण

टॉन्सिलाइटिस के लक्षणों को पहचानना आसान है। इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

1. गले में खराश और दर्द।

2. तेज बुखार और ठंड लगना।

3. निगलने में परेशानी।

4. गले में सूजन और लालिमा।

5. सांसों से बदबू आना।

6. खांसी का बढ़ जाना।

7. कान या सिर में हल्का दर्द महसूस होना।

यदि आपको ये लक्षण दिखाई दें, तो इनसे राहत पाने के लिए योग और प्राणायाम का सहारा लिया जा सकता है।

 

टॉन्सिलाइटिस के लिए योगासन

1. सिंहासन 

विधि:

  1. वज्रासन में बैठ जाएं और पैरों को हल्का खोलें।
  2. दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
  3. आंखों को नाक की ओर केंद्रित करें।
  4. जीभ को जितना हो सके बाहर निकालें।
  5. जोर से शेर की तरह आवाज निकालते हुए सांस छोड़ें।

लाभ:
यह आसन गले और श्वसन तंत्र पर दबाव डालकर वहां की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इससे गले में मौजूद बैक्टीरिया खत्म होते हैं और सूजन में राहत मिलती है।

अवधि: 3 बार, प्रत्येक बार 5-10 सांसें।

 

2. त्रिकोणासन 

विधि:

  1. सीधे खड़े होकर पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना खोलें।
  2. दोनों हाथों को साइड में फैलाएं।
  3. दाईं ओर झुकते हुए दाएं हाथ से बाएं पैर को छुएं और बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा रखें।
  4. सिर को ऊपर की ओर उठाकर हाथ की ओर देखें।
  5. 20 सेकंड तक इस स्थिति में रहें।

लाभ:
यह आसन गले की मांसपेशियों और श्वसन तंत्र को एक्टिव करता है, जिससे टॉन्सिल की समस्या में राहत मिलती है।

अवधि: 3 बार, दोनों ओर करें।

 

टॉन्सिलाइटिस के लिए प्राणायाम

3. उज्जायी प्राणायाम 

विधि:

  1. सुखासन में बैठें और कमर-गर्दन सीधी रखें।
  2. गले को हल्का संकुचित करें।
  3. धीरे-धीरे लंबी सांस अंदर लें और छोड़ें।
  4. सांस लेते और छोड़ते समय हल्की घर्षण वाली आवाज निकलनी चाहिए।

लाभ:

यह प्राणायाम गले की खराश को दूर करता है, सूजन कम करता है और श्वसन तंत्र को शुद्ध करता है।

अवधि: 3-5 बार।

 

4. शीतली प्राणायाम 

विधि:

  1. जीभ को पाइप की तरह रोल करें।
  2. आमुंह से गहरी सांस अंदर लें और नाक से धीरे-धीरे छोड़ें।
  3. अगर जीभ रोल न हो पाए, तो मुंह से सामान्य रूप से सांस लें।

लाभ:
शीतली प्राणायाम गले को ठंडक देता है और सूजन व खराश को कम करता है।

अवधि: 5-10 बार।

 

टॉन्सिलाइटिस के लिए अन्य टिप्स

  • दिनभर गर्म पानी पिएं।
  • ठंडी चीजों जैसे आइसक्रीम, दही और छाछ का सेवन न करें।
  • गुनगुने पानी में काली इलायची डालकर पिएं।
  • गरारे करने के लिए गर्म पानी में नमक डालें।

 

टॉन्सिलाइटिस से बचने के उपाय

  • टॉन्सिलाइटिस एक आम समस्या है, जो खासकर ठंड के मौसम में अधिक होती है। गले में सूजन, खराश और दर्द जैसी समस्याओं से राहत पाने के लिए कुछ आसान उपायों को अपनाकर आप टॉन्सिलाइटिस से बच सकते हैं। नीचे दिए गए उपाय आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संक्रमण से सुरक्षा करने में मदद करेंगे।

 

1. गर्म पानी का सेवन करें

  • टॉन्सिलाइटिस के खतरे को कम करने के लिए दिनभर गर्म पानी पिएं। गर्म पानी गले में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करता है और गले को आराम पहुंचाता है।

2. ठंडी चीजों से परहेज करें

  • ठंडा पानी, आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों से बचें।
  • सर्दी के मौसम में गले को ढककर रखें और ठंडी हवा से बचें।
  • भोजन हमेशा हल्का गर्म और ताजा होना चाहिए।

3. गले की सफाई का ध्यान रखें

  • रोजाना गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें। यह गले को साफ करने के साथ संक्रमण को दूर करता है।
  • गर्म पानी में हल्दी मिलाकर पीने से गले की सूजन में राहत मिलती है।

4. इम्यूनिटी को मजबूत करें

  • टॉन्सिलाइटिस से बचने के लिए आपकी इम्यूनिटी मजबूत होनी चाहिए। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें:
  • आप लोग ताजे फल और हरी सब्जियों का जरूर सेवन करें।
  • [विटामिन सी] युक्त फल जैसे संतरा, नींबू और आंवला का जरूर सेवन करें। ये आपकी बहुत मदद में आते हैं।
  • रोजाना हल्दी वाला दूध पिएं।

5. सही जीवनशैली अपनाएं

  • ठंड के मौसम में गर्म कपड़े पहनें। गले और सिर को ढककर रखें।
  • पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें।
  • व्यायाम और योग करें ताकि आपका शरीर मजबूत बना रहे।

6. योग और प्राणायाम करें

  • गले की समस्याओं से बचने के लिए सिंहासन और त्रिकोणासन जैसे योगासन करें। साथ ही उज्जायी प्राणायाम और शीतली प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। यह न केवल गले को मजबूत बनाएंगे बल्कि श्वसन तंत्र को भी स्वस्थ रखेंगे।

7. घरेलू उपचार अपनाएं

  • गले की सूजन को कम करने के लिए गर्म पानी में काली इलायची डालकर पिएं।
  • तुलसी, अदरक और शहद वाली चाय पीना भी फायदेमंद है।
  • शहद का सेवन गले को आराम पहुंचाता है और सूजन कम करता है।

 

कब डॉक्टर का संपर्क करें

टॉन्सिलाइटिस की समस्या आमतौर पर हल्के घरेलू उपायों और सही देखभाल से ठीक हो जाती है। लेकिन कुछ गंभीर लक्षणों के सामने आने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता है। समय पर सही इलाज से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। नीचे बताए गए लक्षणों पर ध्यान दें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें:

 

1. बुखार का तेज होना

अगर टॉन्सिलाइटिस के साथ बुखार 102°F से ऊपर चला जाए और कई दिनों तक बना रहे, तो यह संकेत है कि संक्रमण गंभीर हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

2. सांस लेने में कठिनाई

अगर गले की सूजन के कारण सांस लेने में परेशानी हो रही हो या सीने पर दबाव महसूस हो, तो यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर की मदद लें।

3. बार-बार टॉन्सिलाइटिस होना

अगर टॉन्सिलाइटिस की समस्या बार-बार होती है (साल में 5-6 बार), तो यह क्रॉनिक टॉन्सिलाइटिस हो सकता है। डॉक्टर की सलाह से उचित उपचार या सर्जरी (टॉन्सिलेक्टोमी) की आवश्यकता हो सकती है।

4. गले में तेज दर्द और सूजन

अगर गले का दर्द इतना बढ़ जाए कि खाना-पीना या बोलना मुश्किल हो जाए, तो यह गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है।

5. मवाद या पस आना

अगर टॉन्सिल पर मवाद (pus) दिखाई दे या गले में फोड़ा बनने लगे, तो यह बैक्टीरियल संक्रमण का लक्षण है। डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

6. कान में दर्द

टॉन्सिलाइटिस के कारण कान में दर्द होना या सुनाई देने में परेशानी भी गंभीर स्थिति की ओर इशारा कर सकता है।

 

निष्कर्ष

  • टॉन्सिलाइटिस से बचने के लिए साफ-सफाई, खानपान और स्वस्थ जीवनशैली का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। गर्म पानी, हल्दी, नमक वाले गरारे और योग-प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। इन उपायों का नियमित पालन करके आप टॉन्सिलाइटिस जैसी समस्या से आसानी से बच सकते हैं।
  • टॉन्सिलाइटिस एक सामान्य लेकिन परेशान करने वाली समस्या है, जो सही देखभाल और नियमित योग-प्राणायाम से ठीक की जा सकती है। ऊपर बताए गए सिंहासन, त्रिकोणासन, उज्जायी और शीतली प्राणायाम को नियमित रूप से 3 महीने तक करें। इसके साथ ही खानपान पर ध्यान दें और ठंडे पदार्थों से बचें।
  • अगर घरेलू उपायों से राहत न मिले और ऊपर बताए गए लक्षण सामने आएं, तो देरी न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर उपचार से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

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